पीएसएलवी-सी46 रॉकेट लॉन्चर का फ्यूल टैंक मछुआरों ने ढूंढा, टैंक का एक विस्फोटक हिस्सा अभी भी गायब

पुड्डुचेरी. इस साल मार्च में प्रक्षेपित पीएसएलवी-सी46 रॉकेट लॉन्चर के फ्यूल टैंक का एक हिस्सा सोमवार को वंबेकेरप्पलायम के पास मछुआरों को मिला। सूचना मिलने के बाद इसरो की टीम मंगलवार को पुड्डुचेरी पहुंची और टैंक के हिस्से की जांच की। इसका एक विस्फोटक हिस्सा अभी भी गायब है। उन्होंने मछुआरों से आग्रह किया कि यदि किसी को यह लापता हिस्सा मिलता है तो उसे लौटा दे, क्योंकि इसमें विस्फोट हो सकता है।


मछुआरों ने यह हिस्सा तट से 10 नॉटिकल मील दूर समुद्र में पाया। जब मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने उतरे तो उन्हें लगा कि जाल में कोई बड़ी चीज फंसी है। उन्होंने उसे बाहर निकाला और पुलिस को सूचना दी। जांच में पता चला की यह रॉकेट लॉन्चर का फ्यूल टैंक है। ओडेनसालाई पुलिस के अनुसार, फ्यूल टैंक पर 22 मार्च 2019 लिखा है।


इसरो ने पीएसएलवी-सी46 के माध्यम से रीसैट-2बी को लॉन्च किया था


टैंक का हिस्सा मिलने के बाद इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसरो टीम टैंक को अपने साथ ले जाने की योजना बना रही है। इसी दौरान एआईएडीएमके नेता अनबझगन ने कहा कि टैंक को खोजना के लिए मछुआरों की टीम को मुआवजा देनी चाहिए। इसरो ने 22 मार्च 2019 को पीएसएलवी-सी46 के माध्यम से राडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट (रीसैट-2बी) को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। रिसैट-2 बी का उपयोग कृषि क्षेत्र, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन में किया जा रहा है। इसके साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा एवं आपदा राहत कार्य में लगे लोगों को भी इससे काफी मदद मिलती है।